बालिका योजनाएं

योजना का उद्येश्य और आवश्यकता आज हर कोई समझता   है |  भारत में बालिकाओं के लिए भी बहुत सारी योजनाएं हैं | बालिका देश का भविष्य होती है | देश की प्रगति में उनका बहुत बड़ा योगदान है | उनके बेहतर विकास पर भी सरकार काम करती है | सरकार राज्य-सरकारों के साथ मिलकर बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ाने और उन्हें राष्ट्र के विकास का हिस्सा बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं | आज हर माता-पिता को यह जानना जरुरी है कि बेटियों के लिए सरकार द्वारा कार्यान्वित योजनाओं से उन्हें  कितने प्रकार के  लाभ मिलते हैं | बेटियाँ आज माता पिता के लिए बोझ नहीं है | बालिकाओं को भी बालकों के समान स्वतंत्र होकर आत्मनिर्भर बनने  का शत-प्रतिशत अवसर मिलने से वे   भी जीवन के हर क्षेत्र में अपनी  प्रतिभा का परिचय दे  सकती है |  वर्त्तमान सरकार इस दिशा में काम कर रही है | परिणाम कन्या भ्रूण हत्या और शिशु हत्या की दर में कमी आनी  शुरू हो गयी है | माता-पिता की समझदारी में बढ़ोत्तरी हो रही है | बेटों की अपेक्षा अब बेटियों का भविष्य पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है | बेटियों  को बोझ समझनेवाले और दहेज़ मांगनेवाले माता-पिता अब अपनी अपनी मानसिकता बदल रहे हैं | बालिका-योजनाओं से लाभ कुछ इस प्रकार है — योजनाओं में पैसे डालने से एफ डी और खातों पर  बैंकों की  तुलना में उच्च ब्याज दर  की प्राप्ति होती है | प्रत्येक योजना के नियम और शर्त में इतनी स्पष्टता है कि संदिग्धता की गुंजाईश  नहीं है | हर सरकारी योजना में आयकर में छूट होती है | अतः कर बचत में फायदा होता है |  बालिकाओं के लिए भिन्न भिन्न सरकारी योजनाएं हैं | इससे बालिकाओं को वित्तियों प्रोत्साहन मिलता है | बेटियों को उचित शिक्षा प्रदान करने में माता-पिता भी सक्षम होते हैं | ये योजनाएं माता-पिता के फायदे के लिए ही बनायी गयी हैं |

  1. सुकन्या समृद्धि योजना – भारत सरकार द्वारा चलायी जा रही यह एक लोकप्रिय योजना है  बेटी  बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के हिस्से के रूप में , यह बालिकाओं के लाभ के लिए एक बचत योजना है |  इस योजना के तहत बेटियों की शिक्षा और विवाह के खर्च को पूरा  करने के लिए एक निधि बनाने हेतु माता-पिता को प्रोत्साहित किया जाता है | इस योजना में  क़ानूनी अभिभावक या बालिका के माता-पिता के द्वारा ही खाता खोला जा सकता है | बालिकाओं की आयु दस वर्ष से अधिक नहीं होनी घहिए | फार्म के साथ बच्ची का एक आयु प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा | एक माता-पिता या अभिभावकों द्वारा केवल दो खाते खोले जा सकते हैं | खाता  खुलने के लिए 250 रुपये की राशि आवश्यक है | खाता खुलने की तारीख से लेकर 21 साल पूरे   होने के बाद खाता बंद किया जा सकता है | खाता बैंक या डाकघर में खोला जा सकता है |
  2. 2. बालिका समृद्धि योजना ( बी एस वाई ) – बालिका समृद्धि योजना बालिकाओं के उत्थान के लिए है | भारत सरकार द्वारा अगस्त 1997 में एक छोटी बचत जमा योजना शुरू की गयी थी  | इसे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों  में लागू किया गया है | प्रत्येक बालिका  को जन्म के बाद 500 रुपये मिलते हैं | और स्कूली शिक्षा को पूरा करने के लिए छात्रवृत्ति भी दी जाती है | उच्च ब्याज दर के लिए छात्रवृत्ति की राशि को एक खाते में जमा की जा सकती है | लड़की के अठारह वर्ष होने पर इसकी परिपक्कता होती है | उसके पहले इसकी निकासी की अनुमति नहीं है | अधिकतम आयु सीमा दस वर्ष है | योजना में दो खाते प्रत्येक बेटी के लिए खोलने की अनुमति है | आवेदन पत्र ग्रामीण क्षेत्र के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा शहरी क्षेत्र के लिए स्वास्थ्य संस्था से प्राप्त किये जा सकते हैं |
  3. मुख्यमंत्री राजश्री योजना— कन्या भ्रूण हत्या की दर पर अंकुश लगाने, उचित चिकित्सा देखभाल और शिक्षा प्रदान करने के लिए  राजस्थान सरकार ने इस कार्यक्रम को शुरू किया है | इस योजना का उद्येश्य है परिवारों को शिक्षित करना और उन्हें आर्थिक मदद करना | नवजात बच्ची की मा को 2500 रुपये की पहली क़िस्त सम्बंधित चिकित्सा केंद्र द्वारा दी जाती है | एक वर्ष पूरा होने पर 2500 रुपये की दूसरी क़िस्त चेक के माध्यम से दी जाती है | किसी भी पब्लिक स्कूल में पढनेवाली बच्ची को पहली कक्षा में 4000, छठी कक्षा में 5000 और ग्यारहवीं कक्षा में 11ooo दिए जाते हैं | इस योजना में रूचि रखनेवाले मातापिता को सरकारी अस्पताल,कलेक्टर कार्यालय, ग्राम पंचायत या जिला परिषद् से संपर्क कर सकते हैं |
  4. मुख्यमंत्री लाड़ली योजना (एम एल वाई) –इस योजना के माध्यम से बीपीएल परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है | इस योजना का उद्येश्य लड़कियों को स्वतंत्र बनाना है | इसमें लड़कियों को न केवल अंतरिम भुगतान मिलता है , बल्कि 21 वर्ष की आयु में एक बड़ी राशि भी प्रदान की जाती है |इस योजना में  डाकघर बचत खाते में पांच साल की अवधि तक  हर साल बालिका के नाम पर 6000/- रुपये  जमा किये जाते हैं | स्कूल जाने के क्रम में कक्षा  VI में 2000/- ,कक्षा  IX में  4000/- और कक्षा  XI  में 7500/-  मिलते हैं | उच्चतर माध्यमिक कक्षा में लड़कियों को 200/- रुपये मासिक वजीफा दिया जाता है | 21 वर्ष की आयु में जमा की गयी राशि परिपक्क होगी और विवाह के समय इसका उपयोग  किया जा सकता है | आवेदन के लिए जिला समाज कल्याण अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है |

5. माझी कन्या भाग्यश्री स्कीम — महाराष्ट्र सरकार ने 2016 में पुरानी सुकन्या योजना  को बदलने के लिए एक नयी योजना शुरू की |  इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर समूह या बीपीएल श्रेणी के परिवारों को बेटियों की शिक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा वित्तीय सहायता दी जाती है | इसमें एक माँ को बेटी के जन्म के बाद पहले पांच वर्षों के लिए 5000/- रुपये उसके बाद वर्ग V  तक प्रति वर्ष 2500/- रुपये   तथा उसके बाद वर्ग XII तक प्रति वर्ष 3000/- रुपये मिलते हैं | 18  वर्ष के बाद शिक्षा के लिए प्रति वर्ष   1 लाख रुपये की हकदार होगी |  आवेदन पत्र नगरनिगम या ग्राम पंचायत कार्यालय में दिए जाते हैं | इस प्रकार हम देखें तो आज के समय में बहुत सारी बालिका योजनाएं हैं | इसके अलाबे उत्तराखंड सरकार की नंदा देवी कन्या योजना , बिहार सरकार की.मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना, पब्लिक स्कूल के  लिए सीबीएसई छात्रवृत्ति योजना आदि है | बंगाल सरकार की कन्या श्री प्रकल्प योजना, तमिल नाडू सरकार की कन्या सुमंगला योजना, गुजरात सरकार की व्हाली दिकरी योजना   आदि भी उपलब्ध है | शिशु विकास योजना के अंतर्गत भी  लड़कियों को  विशेष सुविधा दी जाती है | वर्ग VI , VIII, X तथा XII के लिए क्रमशः 3000/-,5000/-, 7000/- और 8000/- रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती है | 21 वर्ष की अवस्था में व्यवसाय के लिए 2  लाख रुपये  तथा उच्च शिक्षा के लिए 5 लाख रुपये   की  आर्थिक सहायता भी  प्राप्त होती  है | ढाई लाख की स्वास्थ्य बीमा और लगभग उतनी ही राशि की जीवन बीमा भी उपलब्ध है |  इन योजनाओं में से आधी योजनाएं  सामान्य वर्ग और सभी के लिए   है |

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