अवतार

कल्कि अवतार (दसवां अवतार)

अब तक हमने भगवान विष्णु के नव अवतारों के बारे में जाना। हमारा प्रयास था की हर अवतार के बारे में प्रचलित कहानियां तो सभी जगह जानने को मिल जाएगी, किन्तु उस अवतार रूप में जो उनका कार्य था या उन्होंने कार्य किया उसके बारे में बताने का प्रामाणिक प्रयत्न किया गया है। हम यह तो नहीं कहते हम संपूर्ण ...

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बुद्ध अवतार (नववां अवतार)

भगवान विष्णु के आठवें पूर्णा अवतार श्री कृष्ण के जीवन में हमने देखा। उनके जीवन दैवी और चौतन्यमय है। इहलोक में अलौकिक जीवन जीने की कला कृष्ण के पास है। उनका जीवन, उनका कार्य अलौकिक जीवन जीने की हिम्मत प्रदान करता है। और यह कला केवल उन्हीं के पास से सिखने को मिलती है। भगवान ने स्वयं गीता में कहा ...

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कृष्ण अवतार (आठवां अवतार)

जिस काल में भारत में भ्रष्ट राज्य संस्था बन गई थी तथा कथित सचिव संस्थान का नेतृत्व पापी लोगो के हाथो में चला गया था। इतना ही नहीं तत्व ज्ञानी लोग भी अकर्मण्य हो गए थे। इन सब के चलते धर्म दुर्बल और निसहाय बन गया था। निति-धर्म-तत्वज्ञान यह सब ऐसे समर्थ शाली लोगो के हाथो में था वह ये ...

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भगवान राम (सप्तम अवतार)

भगवान विष्णु के दस अवतारों में से आज हम पूर्ण मानव अवतारों में से तीसरा और दस अवतारों में से सातवां अवतार यानि सभी के रुदय सम्राट ऐसे भगवान राम। कहते है काल सबका रस छीन लेता है। किंतु भारतीय वैदिक शास्त्रें के अनुसार भगवान के दस अवतारों में से राम और कृष्ण अवतार ऐसे है जिनको काल भी मिटा ...

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परशुराम अवतार (छठा अवतार)

अश्वत्थामा बलिर्व्यासो हनुमान्श्च् विभीषणः। कृपः परशुरामश्च सप्तैते चिरंजिविनः।।   हमारे पुराणों में कही गई बातों के अनुसार इस विश्व में 7 चिरंजीवी हैं उनमें से एक नाम आता है परशुराम का। जिनको भगवान विष्णु का छ्ठा अवतार भी माना जाता है। त्रेतायुग में इस अवतार की कहानी जैसे हम सब जानते है। ऋचीक और सत्यवती के पुत्र जमदग्नि। सत्यवती की माता ...

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वामन अवतार (पांचवा अवतार)

हम अभी भगवान विष्णु के दशावतारों के बारे में बात कर रहे हैं। हमारी वैदिक संस्कृति कहती है समाज के 70 प्रतिशत लोक फोलोअर्स होते है। यानि जिस दिशा में सब जाते है, उसी दिशा या प्रवाह में जाने वाले या ढलने वाले लोग होते है। केवल बाकि के बचे 30 प्रतिशत लोगो में से 15 प्रतिशत सात्विक और 15 ...

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नरसिह अवतार (चर्तुथ अवतार)

इश्वरवाद और जड़वाद का झगड़ा अनादी काल से चला आ रहा है। और यह संघर्ष कोई नहीं टाल सकता। जैसे अनादी काल से दिया और बाती का संघर्ष चला आ रहा है। भगवान जो नेक दिल और सोचने के लिए दिमाग दिया है उसका सही इस्तेमाल कर हमें सोचना है हम किस पथ के राही बनना चाहते है। भगवान के ...

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वराह अवतार (तृतीय अवतार)

उत्क्रांति तत्व के अनुसार सर्व प्रथम जलचर प्राणियों का निर्माण हुआ। यानि उसमे श्रेष्ठ ऐसा मत्स्य अवतार। जल-स्थल प्राणी उत्पन्न हुए। उसमे श्रेष्ठ ऐसा कुर्मा अवतार। ठोस या शुष्क भूमि पर रहने वाले, प्राणियो की उत्पत्ति हुई। इस तरह उत्क्रांतिवाद के सिद्धांत के अनुसार सार्वभौम ऐसी सुपर शक्ति के बल से और कर्तुत्व से पृथ्वी जल से ऊपर आई। यानि ...

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कुर्मा अवतार (द्वितीय अवतार)

हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति के इतिहास में भगवान विष्णु का प्रथम अवतार मत्स्यावतार को बहुत ही सुंदर रमणीय, गौरवपूर्ण और तेजस्वी चरित्र के साथ एक अविस्मरणीय एसा ज्वलंत पृष्ठ माना है। इसी अवतार में मनु के कर्तव्य निष्ठ जीवन की पराकाष्ठा का परिचय भी दिया गया है। जिनके अथाग और महान, अविरत प्रयत्न से मानव जाती सुसंस्कृत और दैवी जीवन ...

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मत्स्यावतार (प्रथम अवतार)

परित्रणाय साधूनां विनाशाय च दुस्क्रुताम्। धर्म संस्थाप्नार्थय संभवामि युगे युगे।। (गीता 4/8) भगवान ने गीता में खुद यह बात कही है, की इस मेरी बनाई इस धरा पर जब जब असत्य और अंधकार का युग आएगा तब तब मै, उस बादल को छाटने इस भूमि तल पर अवतार लेके आऊंगा और पृथ्वी की रक्षा करूँगा। अपने इसी वचन को निभाने ...

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