शिक्षा योजनाएं

जीवन में योजना  एक महत्त्वपूर्ण  विषय है | योजना आवश्यकता के अनुसार बनायीं जाती है | जीवन का एकमात्र  उद्येश्य होता है विकास | हर व्यक्ति को जीवन में  समग्र विकास हेतु योजना बनानी पड़ती है |   सरकार  भी देश के विकास के लिए योजना बनाती रहती  है |  जनता या सरकार योजना के विना अगर  काम करना चाहती है, तब जरुरत के अनुसार लक्ष्य हासिल नहीं कर पाती | जनता  हो या सरकार  कितनों भी सम्पन्न क्यों न हो, अगर बगैर योजना से काम करती है तब  हर मोड़ पर कठिनाई महसूस करती है | संसार में कोई भी कार्य योजनाबद्ध तरीके से ही किया जाता है | शिक्षा जीवन में एक अनिवार्य आवशाकता है | शिक्षा के विना जीवन अधुरा है | विकास पथ में  चलने के लिए शिक्षा पहली आवश्यकता है | आर्थिक, राजनितिक और सामाजिक परिवर्तन के लिए शिक्षा बहुत ही महत्त्वपूर्ण है | इसलिए कोई भी देश सभी देशवासिओं  को शिक्षित करने के लिए नई नई योजनाएं बनाता  है | शिक्षा से ही   हम देश के इतिहास से रूबरू होते हैं | वैश्विक समाज की विभिन्न संस्कृतियों को समझते हैं |  भौतिक वस्तुओं के साथ साथ आतंरिक संपदाओं से भी परिचित होते हैं |  अग्रजों के महत्व  को भी समझते हैं | शिक्षा के विना हम आज के समाज में  अपने को अलग थलग पाते हैं | विविध धर्म, विविध भाषा और विविध संस्कृति से युक्त है हमारा देश | फिर भी हम एक हैं | शिक्षा के द्वारा ही हम अनेकता में एकता की उपलब्धि कर सकते हैं | सबसे अधिक  महत्त्वपूर्ण विषय है कि  शिक्षा  से ही हम खुद की पहचान भी कर पाते हैं | मानवता और पशुता में भेद कर पाते हैं | मानव होने के नाते नहीं, सही ढंग से शिक्षित होने से  हम यह भी समझ पाते हैं कि दूसरे मानव के प्रति हमारा क्या कर्त्तव्य है | समाज में भ्रातृत्व , ममत्व, प्रेम , स्नेह आदि का क्या महत्त्व है | हम अपने परिवार, अपने समाज और अपने देश में शांति और सुरक्षा कैसे ला सकते हैं | शिक्षा के द्वारा हम रोजगार पा  सकते हैं तथा  आत्मनिर्भर बन सकते हैं |  सरकार द्वारा चलायी जा रही भिन्न भिन्न शिक्षा योजनायें वाकई हमारी अपेक्षाओं को पूरी करती है | यह जानना हर मातापिता के लिए आवश्यक  है | आप भी हर प्रकार की शिक्षा योजनाओं के बारे पढ़िए और उससे लाभान्वित होने का प्रयास कीजिये |

इक्कीसवीं सदी के समाज को अच्छी तरह से शिक्षित, कौशाली और  ज्ञानी होने की आवश्यकता है | न्यायपूर्ण और समतावादी समाज बनाने में शिक्षा की प्रमुख भूमिका होती है | इस समय बेहतर सुविधावाली विभिन्न सरकारी योजनाओं के माध्यम से बच्चों को शिक्षाप्राप्ति के लिए प्रोत्साहित करने की पूरी कोशिश की जा रही है | शिक्षकों को भी उनके कौशल और ज्ञान को उन्नत करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है | प्रारंभिक शिक्षा को घर घर पहुंचाने के लिए सरकार ने कई परियोजनाएं और कार्यक्रम शुरू किये हैं | वर्त्तमान शिक्षा-नीति सभी के लिए समान शिक्षा  सुनिश्चित करती है |  प्रारंभिक शिक्षा से जुड़ी कुछ योजनाओं का परिचय यहाँ दी जा रही है | वस्तुतः हम देख पा रहे हैं कि नब्बे दशक के बाद ही सरकार की सक्रियता  इस दिशा में बढ़ी है  |

  1. मिड डे मील योजना –प्राथमिक शिक्षा के तहत राष्ट्रीय कार्यक्रम पोषण सम्बन्धी सहायता के रूप में भी जाना जाता है | प्राथमिक कक्षा में पढ़नेवाले बच्चों को मध्याह्न भोजन प्रदान करने के लिए 1995 में यह योजना शुरू की गयी है | इसका प्रमुख उद्येश्य है  बच्चों को स्कूल के दौरान लगनेवाली भूख  को  मिटाना और स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति और नामांकन में वृद्धि करना  | जाति और धर्म में भेदभाव के विना बच्चों के बीच पस्पर सम्बन्ध और बातचीत में सुधार  करना | यह योजना बच्चों को भावनात्मक और सामाजिक रूप से विकसित करने में मदद कर सकती है |
  2. सर्व-शिक्षा अभियान यह कार्यक्रम 2001 में शुरू किया गया है | यह देश की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है | सर्वशिक्षा अभियान (एस एस ए ) बच्चों को विश्वव्यापी प्राथमिक शिक्षा ( यूनिवर्सल एलिमेंटरी एजुकेशन ) दिलाने के लिए एक प्रमुख कार्यक्रम है | यह कार्यक्रम समान रूप से पूरे देश में लागू किया गया है  जो राज्य सरकार की साझेदारी के साथ काम करता है | एस एस ए मुख्या रूपसे 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए उपयोगी है | कार्यक्रम का उद्येश्य है हर एक तक   शिक्षा की पहुँच बनाना |
  3. बालिका प्राथमिक-शिक्षा के लिए रास्ट्रीय कार्यक्रम (एन पी ई जी ई एल ) NATIONAL PROGRAMME FOR EDUCATION OF GIRLS AT  ELEMENTARY LEVEL  यह कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा विशेषकर उन बालिकाओं तक पहुँचने के लिए शुरू किया गया है , जिनका नामांकन किसी भी स्कूल में नहीं है | इसे जुलाई 2003 में शुरू किया गया है और यह कार्यक्रम एस एस ए का एक महत्त्वपूर्ण घटक है | यह कायक्रम बालिकाओं में शिक्षा सुधार के लिए अतिरिक्त सहायता प्रदान करता है | इस कार्यक्रम का मुख्य ध्येय लिंग सम्बंधित रुढ़ियों और धारणाओं को तोड़ना भी है |
  4. कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) 2004 में शुरू की गयी इस योजना का उद्येश्य उच्च प्राथमिक स्तर पर अल्पसंख्यक समुदायों की बालिकाओं के लिए आवासीय विद्यालय स्थापित करना है | यह योजना गरीबी रेखा से नीचे आनेवाले परिवारों की बालिकाओं को 25 प्रतिशत और एस टी, एस सी , ओबीसी और अन्य अल्प संख्यक समुदायों की बालिकाओं को 75 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करती है |
  5. शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आर टी ई ) सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उठाया गया यह एक और बेहतरीन कदम है | यह अधिनियम 2009 में लागू किया गया था | इस अधिनियम  ने शिक्षा प्राप्ति को 6 से 14 साल के प्रत्येक बच्चे का मौलिक अधिकार बनाया |इससे सभी बच्चों का मुफ्त प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार मिला |किसी भी बच्चे को प्रारम्भिक स्टार तक की शिक्षा पूर्ण करने के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना
  6. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ – केंद्र सरकार द्वारा 2015 में शुरू की गयी यह योजना बालिका शिक्षा के लिए सबसे प्रसिद्ध योजनाओं में से एक है | शुरू में इस योजना का मुख्या उद्येश्य कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम और उनकी सुरक्षा थी | अन्य उद्येश्यों  में लिंग -निर्धारण परिक्षण पर रोक और बालिकाओं के साथ किसी भी प्रकार के भेदभाव का समर्थन न करना है  |
  7. अल्प संख्यक संस्थानों में आधारभूत संरचना विकास योजना (आई डी एम आई)   शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए बगैर सहायता प्राप्त/सहायता प्राप्त अल्प संख्यक स्कूलों में बुनियादी ढांचे में सुधार करने के लिए यह योजना शुरू की गयी है | इस योजना के तहत पूरा देश आता है, लेकिन प्राथमिकता उन स्थानों को दी जाती  है जहाँ अल्प संख्यक आबादी 20 प्रतिशत से ऊपर है | बालक-बालिकाओं के लिए ये सारी  शिक्षा योजनाएं  हैं |  जरुरत है उन योजनाओं को जरुरत मंद  बालक और बालिकाओं तक पहुँचने के लिए शिक्षित तथा जिम्मेदार जनगण का सहयोग |

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