कृषि योजनाएं

योजना किसी भी क्षेत्र के लिए महत्त्वपूर्ण है | कृषि के लिए तो यह बहुत ही आवश्यक है | भारत कृषि प्रधान देश है | कृषि के विकास के विना  हम देश को विकसित नहीं कर सकते | कृषक आज के सन्दर्भ में अनगिनत समस्याओं से घिरे हुए हैं |  मिहनत के अनुसार उनकी आमदानी नहीं होती | समय पर वर्षा न होने से भी किसान निरुपाय हो जाते हैं | उनकी जीवन दशा में आमूलचूल  परिवर्तन की आवश्यकता है | सरकार इसलिए समय समय पर भिन्न भिन्न योजनाएं बनाकर उनकी बुनियादी समस्याओं को दूर करना चाहती है | उनकी आमदानी में बढ़ोत्तरी की भी जरुरत है | सरकार इस समय किसानों की आमदानी बढाने  के लिए भी कई प्रकार की योजनाओं पर कार्य कर रही है | किसानों को अब आर्थिक और मानसिक दोनों रूपों में मजबूत होने की जरुरत है | सरकार इस समय कई प्रकार की कृषि योजनाएं चला रही है | इन योजनाओं के बारे में हर किसान को जानने और समझने की जरुरत है | ताकि इसका लाभ लेने में उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई न हो |  योजनाओं के बारे में जानने के लिए किसान अपने  आसपास के बैंकों और स्वास्थ्य केन्द्रों से भी पता कर सकते हैं | किसानों के लिए योजनाएं इस प्रकार हैं |

1.सायल हेल्थ कार्ड योजना (एसएचएसी) –इस योजना के द्वारा किसान अपनी मिटटी में उपलब्ध बड़े और छोटे पोषक तत्वों का पता लगा सकते हैं |  इससे उर्वरकों का उचित प्रयोग करने और मिटटी की उर्वरता सुधारने में मदद मिलेगी | नीम कोटिंग वाले यूरिया को बढ़ावा दिया गया है | ताकि यूरिया के इस्तेमाल को नियंत्रित किया जा सके, फसल के लिए इसकी उपलब्धता बढ़ाई जा सके और उर्वरक की लागत कम की जा सके | घरेलू तौर पर निर्मित और आयातित यूरिया की सम्पूर्ण मात्रा अब नीम कोटिंग वाली है |

  1. परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) देश में जैव कृषि को बढ़ावा देने के लिए परंपरागत कृषि विकास योजना को लागू किया गया है | इससे मिटटी की सेहत और जैव पदार्थ तत्वों को सुधारने में तथा किसानों की आमदानी बढ़ाने में मदद मिलेगी |
  2. प्रधानमन्त्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) इस योजना के द्वारा सिंचाई के क्षेत्र को बढाया जाता है |  किसी भी सूरत में सिंचाई की व्यवस्था हो, पानी की बर्बादी कम हो तथा पानी का बेहतर इस्तेमाल  किया जा सके  |
  3. राष्ट्रीय कृषि विपणन योजना – इस योजना की शुरुयात 14 अप्रैल 2116 को की गयी थी | इस योजना से राष्ट्रीय स्तर पर ई-विपणन मंच की शुरुयात होना निश्चित हुई | इसमें एक ऐसा बुनियादी ढांचा तैयार होने की बात कही गयी  जिससे देश के 585 नियमित बाजारों  में मार्च 2018 तक ई-विपणन की सुविधा सुलभ हो सके | अब तक 13 राज्यों के 455 बाजारों को ई-एनएएम से जोड़ा गया है | यह नवाचार विपणन प्रक्रिया बेहतर मूल्य दिलाने, पारदर्शिता लाने और प्रतिस्पर्धा कायम करने में मदद करेगी | इससे किसानों को अपने उत्पादों के लिए बेहतर पारिश्रमिक मिल सकेगा | एक देश एक बाजार की दिशा में देश आगे बढ़ेगा |
  4. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) –इस योजना को खरीफ मौसम 2016 से  लागू किया गया है |   यह कम प्रीमियम पर किसानों के लिए उपलब्ध है | इस योजना में कुछ मामलों  में कटाई के बाद से जोखिमों सहित फसल चक्र के सभी चरणों के लिए बीमा सुरक्षा प्रदान की जाती है  |                                                        सरकार 3 लाख रुपये तक के अल्प अवधि फसल ऋण पर 3 प्रतिशत दे से ब्याज रियायत प्रदान करती है | इस समय किसानों को 7 प्रतिशत प्रतिवर्ष की ब्याज दर से ऋण उपलब्ध है | इसे तुरंत भुगतान करने पर 4 प्रतिशत की छुट मिलती है |
  5. 6. ब्याज रियायत योजना 2016 -17 –प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में पहले वर्ष के लिए किसानों को 2 प्रतिशत ब्याज रियायत मिलती है | हमारे देश के किसान  मजबूरी में अपने उत्पाद बेचते हैं | वे ऐसा हतोत्साहित होकर करते हैं | उन्हें अपने उत्पादों को भण्डार गृह में रखकर रसीद लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए |  | ऐसा करनेवाले छोटे और मझौले किसानों को ब्याज रियायत का लाभ मिलेगा | इनके लिए फसल कटाई के बाद के 6 महीनों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड होना अपेक्षित है  |
  6. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई)—जरूरतों के मुताबिक राज्यों में कृषि विकास योजना लागू की जाती है | राज्यों को अपनी जरूरतों के अनुसार योजना के अंतर्गत परियोजनाओं/ कार्यक्रमों का चयन,योजना की मंजूरी दी जाती है |
  7. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन(एनएफएसएम)—यह केंद्र प्रायोजित योजना है |  29 राज्यों के 638 जिलों में दाल,25 राज्यों के 194 जिलों में चावल, 11 राज्यों के 126 जिलों में गेहूं और 28 राज्यों के 265 जिलों में मोटा अनाज लागू  की गयी है |  ताकि इनका उत्पादन और उत्पादकता बरक़रार रह सके | यह कार्यक्रम एनएफएसएम के अंतर्गत किया जाता है |

9, राष्ट्रीय तिलहन और तेल मिशन कार्यक्रम –इस योजना का उद्येश्य है खाद्य तेलों की घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए तिलहनों का उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाना है | इस मिशन के विभिन्न कार्यक्रमों को राज्य कृषि/बागवानी विभाग के जरिये लागू किया जाता है |

 

10 बागवानी के समन्वित विकास के लिए मिशन—यह केंद्र प्रायोजित योजना है |  फल,सब्जी, फूल , वनस्पति, काजू, नारियल, और बांस सहित बागवानी क्षेत्र के  समग्र विकास के लिए 2014 –15 से लागू है |  इस मिशन में राष्ट्रीय बागवानी मिशन, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, नारियल विकास बोर्ड और बागवानी के लिए केंद्रीय संस्थान, नागालैंड को भी शामिल कर दिया गया है |

 

  1. पशुधन विपणनसरकार ने कृषि उत्पाद और पशुधन विपणन अधिनियम 2017 को तैयार किया, जिसे राज्यों से  सम्बद्ध अधिनियमों के जरिये उमके द्वारा अपनाने के लिए 24/04/2017 को जारी कर दिया गया | यह अधिनियम निजी, नियमित और वैकल्पिक बाज़ारों का विकल्प प्रदान करता है |

12. न्यूनतम समर्थन मूल्य—सरकार न्यूनतम  समर्थन मूल्य के अंतर्गत गेहूं और धान को खरीद करती है |    कुछ फसलों पर हस्ताक्षेप योजना लागू की गयी है जहाँ न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू नहीं है | वहां मजबूरी में कम दाम में उत्पाद नहीं बेचना पड़ता | किसानों की आमदानी बढ़ने के लिए सरकार बोनस आदि देने के बारे में भी सोच रही है |

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