वैदिक संस्कृति

महर्षि वेदव्यास

इस विश्व को भगवान का घर मानने वाले और उसे स्वच्छ और सुंदर बनाने की प्रक्रिया में अपना जीवन न्योछावर करने वाले ऐसे महान हितकारी ऐसे भारत देश की भूमि में जन्मे अनेक ऋषि गणों की वजह से आज भी इस धरा की खुशबू, उसके संस्कार, आचार और विचार पूरे विश्व में उसे ‘विश्वगुरु’ बनाने के लिए सक्षम है। उसके ...

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विश्वामित्र

हमारे सप्तऋषियों में एक माने जाने वाले ऐसे एक ऋषि मुनि यानि महर्षि विश्वामित्र। उन्हें राजर्षि भी कहा जाता है क्योंकि वे राजा के पुत्र थे। वैसे विश्वामित्र महर्षि वशिष्ठ के समकालीन थे। दोनों में राज्य और जनसत्ता को लेकर बहुत झगडे़ हुआ करते थे। विश्वामित्र का राज्य मिल्ट्री शासन था। जबकि वशिष्ठ का राज्य स्वयं शासित था। जिसके मूलभूत ...

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संत वाल्मीकि

भारत का इतिहास जैसे विरों की गाथाओं से भरा है, वैसे ही संत और ऋषि मुनिओं की भी धरा कहलाता है। जो भारत की हजारों वर्षों की गौरव गाथा को दोहराता है, और उसे प्रतिपादित करता है। आज हम एसे ही एक महान संत और ऋषि मुनि की गाथा दोहराने जा रहे है, जिनका नाम सोने की चिड़िया कहलाता हिंदुस्तान ...

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महर्षि याज्ञवल्क्य

भारत की दिव्य और भव्य भूमि की महिमा ही ऐसी है कि, जिसकी खुशबू की दिवानी पूरी दुनिया है। क्योंकि, इस धरा पर ऐसे-ऐसे रत्न पैदा हुए हैं कि, जिसकी चमक के आगे शायद भगवान के मुकुट के हीरे की चमक भी फिकी पड़ जाए। कहते हैं हर जीव मात्र भगवान का अंश है, किंतु हरेक जीव में उस अंश ...

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महर्षि वशिष्ठ

भारतीय संस्कृति की नींव जिनके कर्तुत्व पर टिकी हुई है, ऐसी दिव्य और भव्य हमारे देश की ऋषि परंपरा है। इन अनगिनत हीरे के खजानों में एक से बढ़कर एक ऐसे अनमोल रत्न है। एक हाथ में लो तो लगता है अरे उस पर तो हमारी नजर गई ही नहीं है। क्योंकि ये वो अनमोल हीरे है जो समाज की ...

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ज्योतिषाचार्य पराशर मुनि

हमारे वैदिक वांग्मय में बुद्धि को चमकाने का वो पारष मणि छिपा है, अगर उसकी वो गहन महता और गहन बातों को आज के काल में अगर समझने की भी चेष्टा मानव कर ले तो भी इस कलियुग में हम सबका जीवन धन्य हो जाए। वेदों की वैदिक गर्जना हरेक के बस की बात नहीं है, लेकिन अगर मनुष्य चाहे ...

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पांडूरंग शास्त्री आठवले ‘’दादाजी’’

श्वेत क्रान्ति के प्रणेता प.पू.पांडुरंग शास्त्री आठवले एवं स्वाध्याय कार्य: पांडुरंग शास्त्री आठवले एक ऐसा नाम है, जिन्होंने भगवद गीता के विचारों की सिद्धि के द्वारा न केवल हिंदुस्तान, बल्कि पूरे विश्व के लोगों को स्वाध्याय कार्य के द्वारा एक श्वेत क्रांति का सन्देश दिया, और आज के स्वार्थी जमाने में लाखों लोगों को बिना स्वार्थ कार्य करने के लिए ...

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शिर्डी के साईं बाबा

शिर्डी के साईं बाबा

भगवान ने जब इस पृथ्वी की रचना की तब उन्होंने यह कभी नहीं सोचा होगा की उसकी ही संताने उन्हीं को धर्म के नाम पर बांट के आपस में इतनी क्रूर हो जाएगी कि एक दूसरे को मरने मारने पर उतारू हो जाएगी। गॉड यानि ईश्वर अल्लाह, हम जो भी मानते है आखिर एक ही तो है। GOD का अर्थ ...

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श्रीमद आदि शंकराचार्य

भारतीय संस्कृति में जिनका नाम आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है, ऐसे माँ भारती के एक महान दार्शनिक और धर्म प्रवर्तक आदि शंकराचार्य जी है। जिन्होंने भारतीय संस्कृति के अद्वैत और वेदांत को मूलभूत आधारों के साथ समाज के सामने पेश किया। उस काल की समाज में चल रही विविध विचारधाराओं का उन्होंने एकीकरण करके उसे वेदांत और ...

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सहजानंद स्वामी (भगवान स्वामिनारायण)

विश्व में जगत गुरु बनकर आज हिन्दुस्तान उभर रहा है। किंतु यह बात तो हजारों साल पहले हमारे ऋषि मुनियों ने वेदों में बताई थी। वसुदेवसुतं देवं कंस चाणुरमर्दनम, देवकी परमानन्दं कृष्णं वंदे जगतगुरुम्। मतबल की आज से पांच हजार साल पहले यह बात की गई है। मगर देखा जाए तो क्या यह बात हमारे देश में गली मोहल्लों में ...

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