ओह माय गोड… कभी भी अभिनय का प्रशिक्षण नहीं लेनेवाले अभिनेता का अभूतपूर्व अभिनय …… परेश रावल

दिग्गज अभिनेता परेश रावल बॉलीवुड का एक ऐसा नाम है,जिनका नाम सुनते ही हर किसी के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।  परेश रावल ने  फिल्मों में अपने अलग-अलग किरदार से न केवल बड़े पर्दे पर अमिट छाप छोड़ी बल्कि दर्शकों के दिलों में भी खास जगह बनाई।परेश रावल का जन्म 30 मई, 1955 को मुंबई  में एक गुजराती ब्राह्मण परिवार में हुआ था। परेश के पिता का नाम ‘दह्यालाल रावल’ था। परेश ने अपने स्कूल की पढ़ाई ‘महाराष्ट्र एसएससी बोर्ड’ से पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने ‘नरसी मोंजी कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स और इकनोमिक’ मुंबई से स्नातक  की डिग्री प्राप्त की थी।परेश रावल को बचपन से ही अभिनय में रूचि थी।जिसके कारण उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एक थियेटर ग्रुप ज्वाइन कर लिया और कई नाटकों में हिस्सा लेने लगे।इसी दौरान गुजराती फिल्मों के मशहूर निर्देशक निमेष देसाई की नजर उनपर पड़ी, उन्होंने परेश रावल की प्रतिभा को पहचान और अपनी गुजराती फिल्म ‘नसीब नई बलिहारी’  में अभिनय करने का मौका दिया। साल 1982 में रिलीज हुई  इस फिल्म में परेश ‘देवा’  नाम के किरदार में नजर आये। इस फिल्म में परेश रावल के अभिनय को दर्शकों ने काफी पसंद किया। वहीं परेश को भी अपना सपना सच होता हुआ दिख रहा था,लेकिन वास्तविकता में मंज़िल अभी काफी दूर थी। दरअसल गुजराती फिल्म ‘नसीब नई बलिहारी’  के बाद परेश ने तुरंत ही बॉलीवुड का रुख कर लिया,सफर आसान नहीं था,लेकिन परेश ने भी हार नहीं मानी । अपनी मंजिल पाने और अपने सपने को सच करने के लिए परेश ने कड़ी मेहनत की और इसमें वह सफल भी रहे।साल 1984 में परेश रावल ने केतन मेहता निर्देशित  हिंदी फिल्म ‘होली’  से बॉलीवुड में डेब्यू किया।लेकिन उन्हें पहचान साल 1986 में आई महेश भट्ट निर्देशित फिल्म ‘नाम’ से मिली। इस फिल्म में परेश रावल ने स्मगलर की भूमिका निभाई थी। फिल्म में अपने शानदार अभिनय से परेश ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा।इस फिल्म के बाद परेश को कई फिल्मों में विलेन के रोल के लिए ऑफर मिलने लगे। अस्सी और नब्बे के दशक में लगभग 100 से भी ज्यादा फिल्मों में विलेन की भूमिका निभा चुके परेश रावल ने  बड़े पर्दे पर हर तरह के किरदार बखूबी निभाए। उन्हें हास्य भूमिकाओं  में भी काफी पसंद किया गया।साल 1994 में आई राजकुमार संतोषी द्वारा निर्देशित फिल्म ‘अंदाज़ अपना अपना’  में उनकी दोहरी एवं हास्य भूमिका ने दर्शकों को हँस हँस कर लोटपोट होने पर मजबूर कर दिया। धीरे-धीरे परेश रावल बड़े पर्दे पर हर तरह के किरदार निभाने लगे और जल्द ही बॉलीवुड में एक चरित्र अभिनेता के रूप में स्थापित हो गए।साल 2000 के बाद परेश रावल ज्यादातर कॉमेडी फिल्मों में ही नजर आये।बहुमुखी प्रतिभा के धनी परेश रावल ने फिल्मों में जहां विलेन की भूमिका निभा कर दर्शकों को अपने अभिनय से अचंभित किया।वहीं कॉमेडी फिल्मों में अपने हास्यप्रद अभिनय से दर्शकों को खूब हंसाया।इसमें कोई संदेह नहीं कि बहुमुखी प्रतिभा के धनी परेश रावल ने फिल्मों में  अपने किरदार को बड़ी शिद्दत से निभाया।अपने अब तक के फ़िल्मी करियर में परेश रावल ने कई फिल्मों में अपने शानदार अभिनय का परिचय दिया चाहे वह फिल्म ‘नाम’ में विलेन की भूमिका हो या फिर फिल्म ‘अंदाज़ अपना अपना’  की हास्यप्रद भूमिका। उनके द्वारा फिल्म ‘हेरा फेरी’  में निभाया गया बाबू राव का किरदार आज भी दर्शकों के बीच मशहूर है।परेश रावल हिंदी के अलावा गुजराती और तमिल फिल्मों में भी नजर आएं। परेश रावल की प्रमुख फिल्मों में किंग अंकल , कब्ज़ा ,राम लखन ,अंदाज़ अपना अपना ,राजा, हीरो नंबर वन, जुदाई ,मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी, हेरा फेरी,बागबान, हलचल,  गरम मसाला , मालामाल वीकली , हंगामा, वेलकम,पा, रेड्डी, संजू,उरी:द सर्जिकल स्ट्राइक, मेड इन चाइना आदि शामिल हैं।फिल्मों में अभिनय के अलावा परेश रावल ने  तीन बहुरानिया और  लागी तुझसे लगन जैसे टीवी धारावाहिकों का निर्माण भी किया।परेश रावल को उनके शानदार अभिनय के लिए अब तक कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है जिसमें साल 1993 में, उन्हें फिल्म “सर” में सर्वश्रेष्ठ खलनायक के रूप में फिल्म फेयर पुरस्कार ,साल 1994 में, उन्हें फिल्म “वो छोकरी” और “सर” के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के रूप में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया,साल 2001 में फिल्म “हेरा फेरी” और साल 2003 में,  फिल्म “आवारा पागल दीवाना”के लिए सर्वश्रेष्ठ हास्य कलाकार के लिए फिल्म फेयर पुरस्कार समेत कई अनगिनत पुरस्कार सम्मिलित है। इन सब के अलावा
परेश रावल को फिल्मों में उनके सराहनीय योगदानों के लिए भारत सरकार की तरफ से साल 2014 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
परेश रावल बड़े परदे पर सफल अभिनेता तो रहे ही साथ वह सफल राजनेता भी रहे। साल 2014 में वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और इसी साल उन्होंने पार्टी की तरफ से अहमदाबाद पश्चिम के लोकसभा चुनाव में हिस्सा लिया था। परेश इस चुनाव में एक उम्मीदवार के रूप में उठे थे और विजयी रहे।
परेश रावल ने अपनी दोस्त और साल 1979 में मिस इंडिया का खिताब जीत चुकी अभिनेत्री स्वरूप सम्पत के साथ लम्बे समय तक रिलेशनशिप में रहने के बाद  साल 1987 में  शादी रचाई। साल 1975 में  एक दिन परेश अपने दोस्त के साथ एक बंगाली ड्रामा देखने गए थे, जहां उन्होंने स्वरूप को देखा और देखते ही फिदा हो गए। इसके बाद परेश अपने दोस्त से बोले भविष्य में यही लड़की मेरी पत्नी बनेगी और यही सच भी हुआ। परेश  रावल और स्वरूप संपत के दो बच्चे अनिरुद्ध रावल और आदित्य रावल हैं।परेश रावल एक मंझे हुए बहुचर्चित अभिनेता व राजनेता है । वह अब भी फिल्म जगत में सक्रीय है और अपने शानदार अभिनय की बदौलत लाखों दिलों पर राज करते है।  देश के  राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने  अभिनेता और भाजपा के पूर्व सांसद परेश रावल को इसी साल 10 सितम्बर को नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा का अध्यक्ष नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति चार साल के लिए की गई है। यह पद साल 2017 से ही रिक्त  था। परेश रावल हिंदी सिनेमा के उन अभिनेताओं में से है,जिन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा की बदौलत वह मकाम हासिल किया,जो हर किसी के लिए संभव नहीं है। परेश आज भी अपने अभिनय से हर किसी को अपनी और आकर्षित कर लेते है। परेश को सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी पसंद किया जाता है ।

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